यीशु के पास "सीखनेवालों की जीभ थी" इसलिये "अनुग्रह की बातें उसके मुंह से निकलती थी"। उसके बारे में हम लोगों को ऐसा कहते हुए सुनते हैं, "किसी मनुष्य ने कभी ऐसी बातें न की" और "इसे बिना पढ़े विद्या कैसे आ गई? (यूह. 7:46 और 15) यह सत्य है कि हमारे प्रभु ने दूसरों के समान कुछ नहीं सीखा, और इसलिये उसने ऐसी बातें कहीं जैसे कभी किसी ने नहीं कही!
बहुत से परमेश्वर के बच्चे क्या बात करना है करके जानते हैं परन्तु केवल कुछ ही लोग यह जानते हैं कि कैसे बात करना है। प्रेम या उत्साहवर्धक शब्दों को यदि कठोर वाणी में कहा जाए तो इसका परिणाम निराशा या कड़वाहट हो सकता है। यीशु जानता था कि कैसे बात करना है।
सामरी स्त्री अपनी गलतियों को मानने या पाप को अंगीकार करने के लिये तैयार नहीं थी और उसने यीशु से यह झूठ बोलकर सब कुछ छिपाने का प्रयास किया कि "मेरे कोई पति नहीं है'! उसके ऊपर आरोप लगाने या दोष लगाने की बजाय, प्रभु ने बहुत ही बुद्धिमानी के साथ उत्तर दिया, "तू पाँच पति कर चुकी है, और जिसके पास तू अब है वह भी तेरा पति नही; यह तूने सच कहा है (यूह. 4:17, 18) इसके बदले में, यदि उसने यह कहा होता कि, "तुम झूठ बोल रही हो। मैं एक भविष्यद्वक्ता हूँ। मैं जानता हूँ कि तेरे पाँच पति थे", तो वह स्त्री नहीं बदलती, यद्यपि जो यीशु ने कहा कि वह उचित और ठीक है करके प्रमाणित होता। "जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हो, वैसा ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है" (नीति. 25.11)
"उपयुक्त अवसर पर दी गई सलाह"- हमें न केवल यह जानना है कि. "कैसे बात करना है परन्तु यह भी जान लेना है कि "कब" बात करना है। जब यहूदा इस्करियोती उनके साथ था तो यीशु सावधान रहा कि उसके सामने महिमामय बातें न करें। "जब वह बाहर चला गया तो यीशु ने कहा, "अब मनुष्य के पुत्र की महिमा हुई......" और कई महिमामय गुप्त सच्चाइयों को प्रकट किया। उपयुक्त अवसर पर बातें न करने के कारण कितनी ही बार कई समस्या खड़ी हो जाती हैं! “अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है" (नीति. 15:23)
- असावधानी की शब्द झगड़ा उत्पन्न कर सकता है |
- क्रूरता का शब्द जीवन को नाश कर सकता है |
- कड़वाहट का शब्द बैर को हृदय में बैठा देता है |
- पाशविकता का शब्द मार कर मिटा सकता है |
- अनुग्रह से भरे शब्द मार्ग को आसान कर देते हैं |
- आनन्द से भरे शब्द दिन को प्रकाशमान कर देते हैं |
- समय के अनुसार शब्द तनाव को कम कर देते हैं |
- प्रेम भरे शब्द चंगा करते और आशीष देते हैं ।