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Short Bible Verses in Hindi |
हमारी एक स्वर्गीय बुलाहट है और हमें एक पवित्र जीवन बिताना चाहिये। इसलिये हमें उस प्रेरित और महायाजक यीशु पर, जिसे हम अंगीकार करते हैं, ध्यान देना चाहिये न कि परिवार के विरोध, आस-पास की समस्याएँ या दूसरी बातों पर जो शैतान हमारी स्वर्गीय बुलाहट को नष्ट करने के लिय ले आता है। अपनी ऊंची बुलाहट के बारे में सदेह के द्वारा शत्रु कितने ही परमेश्वर के सेवकों पर आक्रमण करता है।
शिमशोन के ऊपर शत्रु का आक्रमण उसकी ऊँची दुलाहट के विरोध में था। वह अच्छी तरह जानता था कि परमेश्वर ने उसे पलिश्तियों को नाश करने के लिये उठाया है। तो भी, अपनी महान और ऊँची बुलाहट को तुछ समझकर उसने लालच को जगह दी और एक पलिश्ती लड़की से प्रेम किया, जिसने बदले में उसे धोखा दिया। कितने दुःखदाई रूप से उसने अपनी महान और ऊँची बुलाहट को खो दिया और पलिश्तियों के संग ही मर गया।
यह कितने ही दुख की बात है कि कितने लोग जो सिय्योन और नये यरूशलम के लिये बुलाए गए हैं, वे अपने दर्शन को नष्ट करके इस संसार में अभागे रूप से नष्ट हो जाते हैं! परीक्षाओं के समय अपनी ऊची बुलाहट को न भूलें। प्रेरित पौलुस के समान हम भी कहें, "परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता कि उसे प्रिय जानू, वरन यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवकाई को पूरी करू, जो मैने प्रभु यीशु से पाई है" (प्रेरितों 20:24)
परमेश्वर के बच्चे, अपने जीवन के बारे में परमेश्वर की ऊँची बुलाहट पर सन्देह न करें। “अपने बुलाए जाने और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली-भाँति यत्न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे तो कभी भी ठोकर न खाओगे" (II पत. 1:10)