"फल देने वाले फलदाई वृक्ष" (Eng.) पवित्र लोग ही फलदाई वृक्ष हैं जो सब प्रकार के आत्मिक फल देते हैं। परमेश्वर की सृष्टि की एक दिलचस्प बात यह है कि सभी फलदाई वृक्षों (पवित्र लोग) में बीज होते हैं। सभी ईश्वरीय स्वभाव और आत्मिक गुण फल कहलाते हैं। गलतियों 5:22 में हम आत्मा के फल अर्थात प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, कृपा, *भलाई, विश्वास, नम्रता और संयम के बारे में पढ़ते हैं। 'बीज' दूसरों के अन्दर ईश्वरीय स्वभाव को प्राप्त करने के लिये एक आग्रह की सृष्टि करन की योग्यता को दिखाता है। हमारे अन्दर के वास्तविक भले स्वभाव दूसरे के अन्दर उस स्वभाव के आग्रह की सृष्टि करने वाले होने चाहिऐ।
साधारण रूप से नम्र, पवित्र या सहनशील होना ही पर्याप्त नहीं है। ये ईश्वरीय गुण हमारे जीवन में इतने स्पष्ट होना चाहिये कि दूसरे भी उसकी ओर आकर्षित हो सकें। जो हमें देखते हैं उन्हें हमारे समान बनने की इच्छा होनी चाहिये।
परमेश्वर ने पथ्वी से केवल हरी घास या छोटे-छोटे पेड़ों को उगाने की ही आज्ञा नहीं दी, परन्तु फल देने वाले फलदाई वृक्षों के लिये भी आज्ञा दी। उसी प्रकार, परमेश्वर ने न केवल माँस और हड्डी के मनुष्य को बनाया, परन्तु पवित्र लोगों को भी बनाया जो आत्मिक (ईश्वरीय स्वभाव) देते है और बदले में ईश्वरीय स्वभाव रखने वाले पवित्र लोगों के बढ़ने में सहायक होते हैं।